कृत्वा समयदीक्षाञ्च दत्त्वा समयपादुकाम् । सन्निधायात्मनः शिष्यं वदेन्मन्त्रं न चान्यथा ॥ १४.१५ ॥ मंत्र का शाब्दिक अर्थ है “प्रेम, आकर्षण के स्रोत, कामदेव को मैं नमन करता हूं।” मन की शांति और एकाग्रता में वृद्धि: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के मन में शांति और एकाग्रता बढ़ती है। इससे https://andrehflvl.link4blogs.com/59853412/the-single-best-strategy-to-use-for-sadhna-anubhav