वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं । चिन्टू सेवक द्वारा गाया हनुमान चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ In fury, the sage curses Hanuman to ignore the overwhelming majority of his powers. https://eduardomlaju.blog5star.com/33237094/the-greatest-guide-to-hanuman