श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ जय गिरिजा https://shiv-chalisa-lyrics-in-pu51489.wikistatement.com/4248924/lyrics_shiv_chalisa_fundamentals_explained